The Global Talk
News & Views Punjabi-Hindi

LET US CARRY FORWARD THE MAGNANIMITY OF DIWAN TODAR MAL JAIN-DR SANDEEP KUMAR

LET US CARRY FORWARD THE MAGNANIMITY OF DIWAN TODAR MAL JAIN-DR SANDEEP KUMAR

दीवान टोडर मल जी जैन  ने 78000 सोने की मोहरें देकर चार गज़ भूमि को ख़रीदा ताकि गुरु जी के साहिबज़ादों का अंतिम संस्कार वहाँ किया जा सके……

             

 (Above is pic of gate in memory of Todar Mal Jain leading to Gurdwara Fatehgarh Sahib in Punjab-India )

Dr. Sandeep Kumar from Ludhiana pays tributes to Diwan Todar Mal Jain.

Diwan Todar mal Jain bought Four yards of land by spreading 78000 Golden Seals for cremation of Sri Guru Gobind Singh’s Sahibzadas- Baba Fatah Singh and Baba Zorawar Singh Ji after their martyrdom in Sirhind  .

Dr Sandeep Kumar sends his sentiments as under:

Pic of Dr Sandeep Kumar

त्याग और बलिदान की गौरवशाली गाथा

क्या आप जानते है दुनिया की सबसे महँगी जमीन खरीदने वाला आदरणीय टोडरमल जैन था ? क्या आप जानते हैं दुनिया की सबसे महंगी ज़मीन कहां पर है ?

आज तक किसी एक भूमि के टुकड़े का सबसे अधिक दाम चुकाया गया है वो हमारे भारत में ही पंजाब में स्थित सिरहिन्द में, और, विश्व की इस सबसे महंगी भूमि को ख़रीदने वाले महान व्यक्ति का नाम था दीवान टोडरमल जी जैन I

गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे-छोटे साहिबज़ादों बाबा फ़तह सिंह और बाबा ज़ोरावर सिंह की शहादत की दास्तान शायद आप सबने कभी ना कभी कहीं ना कहीं से सुनी होगी….. यहीं सिरहिन्द के फ़तहगढ़ साहिब में मुग़लों के तत्कालीन फ़ौजदार वज़ीर खान ने दोनो साहिबज़ादों को जीवित ही दीवार में चिनवा दिया था.

दीवान टोडर मल जी जैन, जो कि इस क्षेत्र के एक धनी व्यक्ति थे और गुरु गोविंद सिंह जी एवं उनके परिवार के लिए अपना सब कुछ क़ुर्बान करने को तैयार थे। उन्होंने वज़ीर खान से साहिबज़ादों के पार्थिव शरीर की माँग की, और वह भूमि, जहाँ वह शहीद हुए थे वहीं पर उनकी अंत्येष्टि करने की इच्छा प्रकट की …. । वज़ीर खान ने धृष्टता दिखाते हुए भूमि देने के लिए एक अटपटी और अनुचित माँग रखी….।

वज़ीर खान ने माँग रखी कि इस भूमि पर सोने की मोहरें बिछाने पर जितनी मोहरें आएँगी वही इस भूमि का दाम होगा…….

दीवान टोडर मल जी जैन ने  अपने सब भंडार ख़ाली करके जब मोहरें भूमि पर बिछानी शुरू कीं तो वज़ीर खान ने धृष्टता की पराकाष्ठा पार करते हुए कहा कि मोहरें बिछा कर नहीं बल्कि खड़ी करके रखी जाएँगी ताकि अधिक से अधिक मोहरें वसूली जा सकें………. ख़ैर…..दीवान टोडर मल जी जैन ने अपना सब कुछ बेच-बाच कर और मोहरें इकट्ठी कीं और 78000 सोने की मोहरें  देकर चार गज़ भूमि को ख़रीदा ताकि गुरु जी के साहिबज़ादों का अंतिम संस्कार वहाँ किया जा सके……

विश्व के इतिहास में ना तो ऐसे त्याग की कहीं कोई और मिसाल मिलती है ना ही कहीं पर किसी भूमि के टुकड़े का इतना भारी मूल्य कहीं और आज तक चुकाया गया.

जब बाद में गुरु गोविन्द सिंह जी को इस बारे में पता चला तो उन्होंने दीवान टोडर मल जी जैन से कृतज्ञता प्रकट की और उनसे कहा कि वे उनके त्याग से बहुत प्रभावित हैं, और उनसे इस त्याग के बदले में कुछ माँगने को कहा।

 ज़रा सोचिए, दीवान टोडर मल जी जैन ने क्या माँगा होगा गुरु जी से ????

 दीवान जी ने गुरु जी से जो माँगा  उसकी कल्पना करना भी असम्भव है !

 दीवान टोडर मल जी जैन ने गुरु जी से कहा कि यदि कुछ देना ही चाहते हैं तो कुछ ऐसा वर दीजिए की मेरे घर पर कोई पुत्र ना जन्म ले और मेरी वंशावली यहीं मेरे साथ ही समाप्त हो जाए।

 इस अप्रत्याशित माँग पर गुरु जी सहित सब लोग हक्के-बक्के रह गए…..गुरु जी ने दीवान जी से इस अद्भुत माँग का कारण पूछा तो दीवान जी का उत्तर ऐसा था जो रोंगटे खड़े कर दे।

Above is Pic of Todar Mal Haveli

 दीवान टोडर मल जैन  ने उत्तर दिया कि गुरु जी, यह जो भूमि इतना महंगा दाम देकर ख़रीदी गयी और आपके चरणों में न्योछावर की गयी मैं नहीं चाहता कि कल को मेरी आने वाली नस्लों में से कोई कहे कि  यह भूमि मेरे पुरखों ने ख़रीदी थी।

 यह थी निस्वार्थ त्याग और भक्ति की आज तक की सबसे बड़ी मिसाल……. ।

आज किसी धार्मिक स्थल पर  चार ईंटे लगवाने पर भी लोग अपने नाम की पट्टी पहले लगवाते हैं….. “एक पंखा तक लगवाने पर उसके परों पर अपने नाम छपवाते हैं”।

हमारे पुरखे जो जो बलिदान देकर गए हैं वह अभूतपूर्व है और इन्ही बलिदानों के कारण ही हम लोगों का अस्तित्व अभी तक है…… हमारी इतनी औक़ात नहीं कि हम इस बलिदान के हज़ारवें भाग का भी ऋण उतार सकें  I

 

We can never repay debt on us of the martyrdom of Sri Guru Gobind Singh Ji’s family on us .Let us carry forward the Humanism lesson given to us by Diwan Todar Mal Jain .

 

8 comments

Dr Sandeep Kumar Jain December 26, 2020 at 12:35 pm

Our Homage to great soul and we must follow his steps.

Reply
CA Jasraj Shrishrimal Hyderabad December 26, 2020 at 3:35 pm

Great sacrifice by great man Sri Todarmal Jain

Reply
Kuldip Singh December 27, 2020 at 9:05 am

Unforgettable sacrifice

Reply
JATINDER KUMAR December 27, 2020 at 3:16 am

Singularly a great person Shri TODAR MAL JI JAIN proved himself in this calamity to our Guru Sahib’s family then.

Reply
Kuldip Singh December 27, 2020 at 9:05 am

Unforgettable sacrifice

Reply
Ashwani Kumar Malhotra December 27, 2020 at 3:25 am

Well written sir

Reply
Dr Sandeep Kumar Jain April 10, 2021 at 5:35 pm

Diwan Todar Mal Jain was a Trader from Oswal Jain clan .It is said he and his brother came to Sirhind and Samana respectively.
Some people say that he was living in Kakra in Sangrur District but there is no such evidence.

Mr Balraj Chopra of Machiwara Distt Ludhiana claimed to be a descendent (9th Generation) of Diwan Todarmal Jain.Chopra is a subcaste of Oswal Jains who are originated from Khsatriyas and Rajputs. It is said that they hailed from Bannu presently in Pakistan.There is evidence that jaism was popular at that place.

Reply
The Global Talk April 11, 2021 at 2:21 am

Thanks for update,sir.Let us collect more information .We will give a detailed writeup in print media too.

Reply

Leave a Comment